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पूर्वांचल का सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार बनकर निकला अंसारी परिवार
पूर्वांचल का सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार बनकर निकला अंसारी परिवार

गाजीपुर।उत्तर प्रदेश की राजनीति में परिवारवाद का हमेशा से बोल वाला रहा है चाहे वो यदुवंश हो चाहे गांधी परिवार, लेकिन अभी इसी फेहरिस्त में गाजीपुर का अंसारी परिवार भी शामिल हो चुका है।गाजीपुर के वर्तमान सांसद अफजाल अंसारी तीसरी बार सांसद पद पर निर्वाचित हुए हैं।जबकि उनके परिवार का राजनीतिक रिकॉर्ड देखा जाए तो कुल 17 बार अलग-अलग क्षेत्रों से सांसद और विधायक निर्वाचित हुए है।उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब तक यह गौरव गांधी परिवार और यादव परिवार को ही हासिल हो पाया है।हालांकि कुछ हद तक अंसारी परिवार के इर्द-गिर्द कैराना का हसन परिवार और संभल का बर्क परिवार भी ठहरता है।अंसारी परिवार के राजनीतिक कैरियर को देखा जाए तो अफजाल अंसारी खुद पांच बार विधायक 1985,1989,1991,1993,1996 मोहम्मदाबाद विधानसभा से रहे।और तीन बार सांसद 2004,2019, 2024 निर्वाचित हुए,अफजाल अंसारी को देखा जाए तो कुल मिलाकर आठ बार वह जनप्रतिनिधि रहे।वही अफजाल अंसारी के छोटे भाई मुख्तार अंसारी मऊ सदर के विधानसभा से लगातार पांच बार 1996,2002,2007, 2012,2017 विधायक निर्वाचित होते रहे।2022 में मुख्तार ने अपनी विरासत अपने बेटे अब्बास अंसारी को सौंप दी और अब्बास अंसारी ने भी अपने पिता को निराश नहीं किया और एक लंबी जीत दर्ज कर विरोधियों को चारों खाने चित कर दिया।वही अफजाल अंसारी के बड़े भाई शिवगतुल्लाह अंसारी मोहम्मदाबाद विधानसभा से 2007 और 2012 में विधायक चुने गए, 2022 में उन्होंने अपनी विरासत अपने बड़े बेटे शोएब अंसारी को सौंप दी।और शोएब अंसारी ने 2022 में जीत दर्ज कर अपने विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास कराया।अफजाल अंसारी कुल आठ बार,मुख्तार अंसारी 5 बार,शिवगतुउल्लाह अंसारी दो बार और अब्बास अंसारी और शोएब अंसारी एक-एक बार अब तक जनप्रतिनिधि हो चुके हैं जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। 17 बार विधायक और सांसद बनने का जो गौरव अंसारी परिवार को हासिल है।वह उत्तर प्रदेश में गांधी और यादव परिवार के बाद शायद ही किसी परिवार को हासिल हो,हालांकि अफजाल अंसारी के पिता सुभानल्लाह अंसारी कई बार नगर पालिका के अध्यक्ष जरूर रहे,उपरोक्त रिकॉर्ड के आधार पर यह कहा जा सकता है कि अंसारी परिवार का अपने आप में एक वर्चस्व है जो हर बार तोड़ने की जुगत विपक्ष तो करता जरूर है लेकिन शायद वह फाटक की किलेबंदी को तोड़ नहीं पाता है।रिपोर्ट:विशेष संवाददाता