ग़ाज़ीपुर

नंदगंज के बरहपुर में बना मत्स्य पालन केंद्र सिर्फ बनकर रह गया शो पीस 

कई वर्षों से नही हो रहा मछली बीज का उत्पादन 

बजट के आभाव में हैचरी की हालत और भी खराब,खोदे गये तालाब में लगे है घास फूस,नही होती है सफाई,मत्स्य पालन के लिए लगाए गए नलकूप भी वर्षो से खराब पड़े हुए है ।नंदगंज गाजीपुर।देवकली ब्लाक के बरहपुर गांव के चोचकपुर रोड के पास स्थित राजकीय मत्स्य बीज उत्पादन केंद्र का हाल वर्षो से बेहाल है।यह उत्पादन केंद्र वर्षो से शो पीस बना हुआ है।इसके पूर्व में लाखों की आय देने वाली हैचरी की हालत अधिकारियों की लापरवाही के कारण खराब हो चुकी है। जन बिंदु के संवाददाता ने जब मत्स्य पालन केंद्र पहुंचे तो केंद्र पर ताला लगा हुआ था और वहाँ कोई कर्मचारी मौजूद नही था ।

बरहपुर के पास नंदगंज-चोचकपुर मार्ग पर सन् 1965-66 में सरकार ने लोगों की सुविधा हेतु हैचरी (मत्स्य बीज उत्पादन केंद्र) की स्थापना की थी। यहां दर्जन से अधिक तालाब खुदवाए गए थे। मत्स्य बीज की स्थापना के बाद जिम्मेदार अधिकारी हैचरी पर ही रहते थे। इससे अधीनस्थ स्टाफ पूरी जिम्मेदारी से काम करता था और हैचरी के भवन, वाहन आदि का रखरखाव भी ठीक तरह से होता रहता था। देवकली व करंडा ब्लॉक के लोग यहाँ से बीज ले जाकर मत्स्य पालन करते थे। लेकिन अब विगत कई वर्षों से यहाँ मछली के बीज नहीं छोड़े जा रहे हैं। केंद्र प्रभारी आदि के यहां नहीं रहने से स्थिति बेहद खराब हो चली है। अन्य उत्पादन केंद्रों पर मत्स्य बीज तैयार हो गया है और उसकी बिक्री की तैयारी की जा रही है, जबकि बरहपुर के राजकीय मत्स्य विकास निगम पर पिछले दस साल से बीज ही तैयार नहीं हो सका है। इससे मछली पालन करने वाले लोगों को दूसरे स्थानों से बीज खरीद कर लाना पड़ता है। लोगो का कहना है कि एक दशक पूर्व यहां प्रति वर्ष 3 से 4 लाख मछली के बच्चे तैयार किए जाते थे । और मछली पालन करने वालों को बेचा जाता था ।देखरेख के अभाव में राजकीय मत्स्य बीज उत्पादन केंद्र के अतिथिगृह की दशा भी बेहद खराब हो चली है। तालाबों में लंबी घास और झाड़ियों की भरमार है। इनमें सांप आदि ने अपना ठिकाना बना लिया है। मत्स्य पालन के लिए लगाये गए सरकारी नलकूप भी बर्षो से खराब पड़े हुए है ।यहाँ पर कर्मियों के रहने के लिए बनाये गए भवन भी जर्जर हो गए है ।

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