दर्जनों ग्रामीण सड़कें ध्वस्त,वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल
वर्षों से खस्ताहाल सड़कें दे रही काफी दर्द फिर भी जिम्मेदारों को सूध नहीं
मरदह।विकासखंड के ग्रामीण इलाकों की लगभग दो दर्जन से ऊपर सड़कों का खस्ताहाल इस कदर है कि वाहन तो दूर इस मार्ग से पैदल होकर गुजरना भी जान जोखिम भरा है।क्षेत्र के हैदरगंज चट्टी से गांई जाने वाला 6 किलोमीटर लम्बा मुख्य मार्ग काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो चुका है,जर्जर,गड्ढायुक्,सड़क पर चलने वाले महीनों से स्थानीय नागरिक त्रस्त है।जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बाद भी सड़क निर्माण न होने से त्रस्त ग्रामीणों पत्र देकर जिलाधिकारी से मरम्मत की गुहार लगाई परन्तु एक वर्ष बाद भी निर्माण कार्य नहीं हो सका,यह मार्ग दर्जन भर गांवों के लोगो के आवागमन का मुख्य मार्ग है इस मार्ग पर आए दिन राहगीर गड्ढों में गिरकर चोटिल होते है लंबे समय से खस्ताहाल सड़क के निर्माण के प्रति जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौन धारण किए है।इसी क्रम में मरदह बस स्टैंड से जलालाबाद जाने वाला 12 किलोमीटर लम्बा मार्ग काफी हद तक वर्षो से क्षतिग्रस्त है,मरदह से कासीमाबाद बाईपास मार्ग भी पांच वर्षों से ध्वस्त हालात में पड़ा है,मरदह- महाहर धाम मार्ग भी क्षतिग्रस्त है।बरही से बोगना मार्ग,कछुहरा नहर – गोविन्दपुर गांव मार्ग,सक्कापुर से हालपुर बरेन्दा गांव मार्ग,महाहर धाम से सराय मुबारक,कलवरा, जगदीशपुर,अविसहन गांव मार्ग,मरदह से पड़िता गांव मार्ग,मरदह से कासीमाबाद मार्ग भी जर्जर हो चुका है, इसके अलावा क्षेत्र की एख दर्जन सड़के जर्जर हालत में पहुंच चुकी है। लेकिन विभागीय व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण आवागमन करने वाले लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।