ग़ाज़ीपुर

अमृत सरोवर योजना बनी वरदान, हजारों लोग हो रहे लाभान्वित

बीस लाख की लागत से बना अमृत सरोवर पोखरा

मरदह। बीस लाख रुपए के लागत से बना ब्लाक का एकलौता अमृत सरोवर रायपुर बाघपुर-किसी वाटर पार्क से कम नहीं। अमृत सरोवर योजना के तहत विकासखंड मरदह में तो वैसे तो दर्जनों अमृत सरोवरों का निर्माण कागज‌‌ पर किया गया है। लेकिन एक अमृत सरोवर रायपुर बाघपुर का बना चर्चा का विषय।गाजीपुर जिले के दूरस्थ विकासखंड मरदह में अमृत सरोवर के निर्माण से क्षेत्र में जल स्तर बढ़ रहा है। ब्लॉक मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित रायपुर बाघपुर गांव के अमृत सरोवर से तालाब और अन्य जल स्रोत रिचार्ज हुए हैं। भीषण गर्मी में यह किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रहें हैं। इससे ग्रामीणों और पशु-पक्षियों की प्यास बुझ रही है। भीषण गर्मी में अमृत सरोवर हजारों लोगों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। ग्राम पंचायत रायपुर बाघपुर के शिव मंदिर परिसर में एक बिग्हे के क्षेत्रफल में स्थित 1.80 लाख जल क्षमता वाले अमृत सरोवर तपन, उमस, आंच और भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए सुबह से शाम तक लगभग दो हजार लोग पड़िता, मरदह, कंसहरी, नवपुरा, कैथवली, डोड़सर, रायपुर, हैदरगंज, नोनरा आदि गांवों के बच्चें, बुढ़े व नौजवान अमृत सरोवर पोखरे में स्नान करके गर्मी से राहत पाने की कोशिश में देखें जा रहे हैं। यहां पर स्वच्छ पानी से लबालब भरा हुआ अमृत सरोवर किसी वाटर पार्क से कम नहीं, नहाने के लिए यहा लोगों को घंटों इंतजार भी करना पड़ रहा। इसके अलावा यहा छायादार वृक्ष, चारों तरफ चाहरदीवारी, पूजा अर्चन के लिए मंदिर,पीने के शुद्ध पेय जल, बैठने के सीमेंट्स ब्रेंच, आरामगाह चबूतरे का भी प्रबंध मौजूद है। स्नान कर रहे वरूण सिंह, दिवाकर खरवार, सोनू यादव, सत्यम पाठक, प्रिन्स पाण्डेय आदि‌ ने बताया कि यह क्षेत्र के‌ वरदान और दूसरे गांव के लिए नसीहत भी है, आने वाले समय में इस अमृत सरोवर से जल स्रोत रिचार्ज होते रहेंगे हैं।जल-सुरक्षित क्षेत्र बनना तय होगा। इसके लिए सभी जल स्रोतों का संरक्षण और संवर्द्धन किया जाना चाहिए, अमृत सरोवर जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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